हमने बैग फिर से टैक्सी में छोड़ दिया

 

हमलोग स्नो वर्ल्ड से जब निकले तो शाम होने लगी थी तो हमने वहाँ से beach पर घूमने का तय किया. और टैक्सी को हमें जोमतीएन बीच पहुँचाने को कहा. रास्ते में टैक्सी वाले ने हमसे पूछा की आपलोग यहाँ कब तक हैं और वापस कैसे जाएँगे, तो हमने उसे बताया ये हमारा अंतिम दिन है और कल हमें वापस जाना है. तो उसने कहा मैं आप लोगों को बैंकॉक पहुँचा सकता हूँ. लेकिन उसकी कार छोटी थी और हमें ……. वैन चाहिए थी क्योंकि हमारे पास बहुत सा लगेज था तो हमने उसे कहा टरकाने के हिसाब से कहा की हमें वैन चाहिए तो उसने कहा कि उसके बाप वन तो नहीं है लेकिन उसके दोस्त के पास है और आप लोग उससे बात कर सकते हैं. और उसने हमें एक नंबर दिया की आप लोग उससे बात कर लेना और उसे मेरा नाम बता देना की मैंने नंबर दिया है. मैंने भी बस यूँ ही नंबर को स्टोर कर लिया अपने फ़ोन में. हमलोग सोच रहे थे उफ़ बेकार में दिमाग़ चाट रहा है.

ख़ैर जब हमलोग Jomtien बीच पर पहुँचे तो वहाँ बहुत भीड़ थी तो टैक्सी ड्राइवर ने कहा आप लोग जल्दी से उतर जाओ नहीं तो जाम लग जाएगा. हमलोगों ने भी देखा की बहुत भीड़ है तो जल्दी से उतर गये और ड्राइवर को पैसे दे कर विदा कर दिया. लेकिन जब तक हमलोग टैक्सी से फुटपाथ तक आते, कबीर को याद आया की उसने अपना एक बैग टैक्सी में डिक्की में रख दिया था और उतरते समय उसे लेना भूल गया. मैंने पूछा कि उसमे क्या था तो शिल्पी ने कहा कुछ खाने का समान और कुछ मेडिसिन थी. मैंने बोला चलो जाने दो कोई ख़ास बात नहीं है अब उस टैक्सी को खोजना बहुत मुश्किल है.

तब तक कबीर ने कहा की उसमें उसका नया कैमरा भी था. उसने हाल ही में NIKON का एक नया कैमरा ख़रीदा था जो की लगभग 1.70 लाख के आस पास का था. अब हमलोगों का दिमाग़ ख़राब होना शुरू हो गया कि ये तो लंबा चूना लग गया. लेकिन तभी मेरे दिमाग़ में बात आई की उसने अपने दोस्त का नंबर दिया था. तो हमलोग उसे फ़ोन कर के उस बंदे का नंबर माँग सकते हैं क्योंकि हमने उसके दोस्त का नंबर तो लिया था लेकिन टैक्सी ड्राइवर का नंबर नहीं लिया था.

हमने उस ड्राइवर के दोस्त को फ़ोन किया और उसे समझाने की कोशिश कि की उसके दोस्त के टैक्सी में हमारा बैग छूट गया है. इसलिए उससे कांटैक्ट करने के लिए उसका नंबर चाहिए. एक तो थाई लोगों की इंगलिश अच्छी नहीं होती ऊपर से एक्सेक्ट का भी प्रॉब्लम होता है फ़ोन पर बात करना बहुत मुश्किल था और ऊपर से उसे समझाना तो और भी मुश्किल था लेकिन किसी तरह से हमने उसे समझाया तो उसने हमने उस ड्राइवर का नंबर दे दिया, ये तो लक ही कहेंगे की हमने उस ड्राइवर से बात की थी और एक कांटैक्ट नंबर हमारे हाथ में था.

लेकिन अब समस्या थी की क्या वो ड्राइवर मानेगा की उसकी गाड़ी में हमारा लगेज छूट गया है और यदि माँ भी लेता है तो समान वापस कैसे मिलेगा क्योंकि उसने तो किसी दूसरे कस्टमर को पिक कर लिया होगा और उसे ड्राप करने जा रहा होगा. लेकिन हमारे पास कोई और ऑप्शन भी नहीं था, तो हमने उसे फ़ोन किया. उसने फ़ोन उठाया तो हमने उसे जब समझाने की कोशिश कि की हमारा समान उसकी टैक्सी में छूट गया है तो उसे हमारी बात समझ ही नहीं आ रही थी वो बार बार बोल रहा था कि क्या आपको टैक्सी बुक करनी है, बहुत देर समझाने पर उसे मैटर समझ में आया और उसने कहा की उसने एक कस्टमर को पिक कर लिया है और उसे ड्राप करने जा रहा है तो वो थोड़ा दूर निकल आया है इसलिए उसे आने में थोड़ी देर लगेगी लेकिन आपलोग वहीं उसका इंतज़ार कीजिए वो वहीं पहुँचेगा जहां उसने हमें ड्राप किया था.

तब हमारे जान में जान आई और हम लोग उस ड्राइवर का वेट करने लगे. 10 मिनट में वो टैक्सी हमारे ड्राप लोकेशन पर आ गई और उसने हमने हमारा समान वापस कर दिया. जिस कस्टमर को उसने पिक किया था वो भी उसी टैक्सी में बैठा हुआ था. हमने उसे भी थैंक्स कहा कि उसने उसके रूट को छोड़ कर वापस हमारे पास आने दिया ड्राइवर को भी थैंक्स कहा, साथ ही हमने उस ड्राइवर को कुछ पैसे भी देने चाहे लेकिन उसने लेने से मना कर दिया.

इस वाक़ये हमें बताया कि थाईलैण्ड के लोग अभी भी सीधे और ईमानदार हैं. सब बदमाश नहीं हैं.

इस तरह इस ट्रिप में हमने अपना सामान दो बार खोया लेकिन दोनों बार हमें अपना समान मिल गया. यदि आपने नहीं पढ़ा की कैसे मैंने अपना बैग एयरपोर्ट पर छोड़ दिया था और कैसे वो वापस मिला तो मेरा दूसरा ब्लॉग पढ़ें, उसकी लिंक यहाँ है.

 

मैंने अपना बैग एयरपोर्ट पर छोड़ दिया

जब हमलोग थाईलैण्ड पहुँचे तो हमने अपना बैग एयरपोर्ट पर ही छोड़ दिया। जानिए कैसे हमने उसे वापस पाया।

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